Tuesday, December 29, 2015

समूह विवाद सिद्धांत


पशु पक्षियों को मत खाओ; और उन्हें मत तंग करो। अगर गाय भैस वगैरा को पालो तो उन्हें मान दो; और उनके गले में मत रस्सी बाधो। अगर पच्छियों को पालो तो उन्हें पिजड़े में मत रखो। नहीं तो अपने पतन की रफ़्तार तेज कर लिए।

कारण:
कोई परमात्मा का बंदा नहीं होता है। परमात्मा किसी की भी मृत्यु तय कर के नहीं भेजते है। हाँ, अगर परमात्मा चाहे तो किसी के भी मृत्यु को रोक सकते है; चाहे दूसरा उसे क्यों न मारना चाहे। जैसे की कंश लाख प्रयासों के बावजूद भी कृष्ण को मार नहीं पाया। 

<लंका और कुरुक्षेत्र युद्ध के पोस्ट पूर्ण करने के बाद समय मिलने पर इस पोस्ट पर आऊंगा और बाकी पूर्ण करूँगा।>

(जारी)

इस पोस्ट से जुड़े लिंक:
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अंग्रेजी संस्करण: 
Group Dispute Theory

अंत में, मैं सबसे महत्वपूर्ण बात यह कहूँगा कि पशु पक्षियों को मत खाओ; और उन्हें मत तंग करो। अगर गाय भैस वगैरा को पालो तो उन्हें मान दो; और उनके गले में मत रस्सी बाधो। नहीं तो अपने पतन की रफ़्तार तेज कर लिए। यह मेरे समूह विवाद सिद्धांत के आधार पर है; जो कि मैंने अपने रूम मे जिक्र किया था। 

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