आरती कीजै हनुमान लाला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिबर काँपै | रोग - दोष जाके निकट न झांपै || अंजनी पुत्र महा बलदाई | संतन के प्रभु सदा सहाई || दे बीरा रघुनाथ पठाये | लंका जारि सीय सुधि लाये || लंका सो कोट समुद्र सी खाई | जात पवनसुत बार न लाइ || लंका जारि असुर संहारे | सियाराम जीके काज सँवारे || लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे | आनि सजीवन प्राण उबारे || पैठि पाताल तोरि जम - कारे | अहिरावन की भुजा उखारे || बायें भुजा असुर दल मारे | दाहिने भुजा संतजन तारे || सुर नर मुनि आरती उतारे | जय जय जय हनुमान उचारे || कंचन थार कपूर लौ छाई | आरती करत अंजना माई || जो हनुमान जी की आरती गावे | बसि बैकुंठ परमपद पावै || From: jaibababalaknathji.com अंत में, मैं सबसे महत्वपूर्ण बात यह कहूँगा कि पशु पक्षियों को मत खाओ; और उन्हें मत तंग करो। अगर गाय भैस वगैरा को पालो तो उन्हें मान दो; और उनके गले में मत रस्सी बाधो। नहीं तो अपने पतन की रफ़्तार तेज कर लिए। यह मेरे समूह विवाद सिद्धांत के आधार पर है; जो कि मैंने अपने रूम मे जिक्र किया था।
Wednesday, July 9, 2014
Shri Hanuman ji Ki Aarti
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